As dhatu roop in sanskrit अस् धातु संस्कृत में

As dhatu roop :- दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में अस् धातु के रूप बताएंगे। और साथ ही इस पोस्ट के माध्यम से आप आज “As dhatu roop in sanskrit” के रूप सभी लकारो को समझने व “अस् धातु” को आसानी से कैसे याद करें । साथ ही “अस् धातु रूप” से जुडी कुछ विशेष जानकारी भी बताई है, दोस्तो पोस्ट को अंत तक पढ़िएगा।

हमने इस पोस्ट में आपको अस धातु के पांच लकारो को बताया है, जिसमे पुरुष और तीनो वचनो की जानकारी भी बताई है, पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़े साथ ही आप नोटबुक में भी अभ्यास कर सकते है, परीक्षा के नजरिए से भी अस  धातु रूप महत्वपूर्ण है, क्योंकि अक्सर as dhatu roop के प्रश्न उत्तर एग्जाम में आते रहते है।

चलिए जानते हैं अस धातु रूप के पांचो लकार के बारे विस्तार से, जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

धातु क्या होता है, धातु की परिभाषा

अस धातु जानने से पहले हम ये जान लेते है की। धातु क्या होता है। ‘धातु’ शब्द जो स्वयं ‘धा’ में ‘तिन्’ प्रत्यय जोड़ने से बना है।

व्याकरणशास्त्र (किसी भी “भाषा” के अंग-प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन करना व्याकरणशास्त्र कहलाता हे ।) इस में पाँच अंगों की परम्परा दिखती है। इसीलिये ‘पंचांग व्याकरण’ भी प्रसिद्ध है। पाँच अंग ये हैं- सूत्रपाठ, धातुपाठ, गणपाठ, उणादिपाठ तथा लिंगानुशासन। इन पाँच अंगों में से धातुपाठ अतिमहत्वपूर्ण है। प्रायः सभी शब्दों की व्युत्पत्ति धातुओं से की जाती है। कहा गया है – सर्वं च नाम धातुजमाह

धातु की पूर्ण परिभाषा

संस्कृत व्याकरण में क्रियाओं (verbs) के मूल रूप को धातु कहते हैं। 

धातु ही संस्कृत शब्दों के निर्माण के लिए मूल तत्त्व है। इनकी संख्या लगभग 3356 है। 

धातुओं के साथ उपसर्ग, प्रत्यय मिलकर तथा सामासिक क्रियाओं के द्वारा सभी शब्द (संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया आदि) बनते हैं। दूसरे शब्द में कहें तो संस्कृत का लगभग हर शब्द अन्ततः धातुओं के रूप में तोड़ा जा सकता है। कृ, भू, स्था, अन्, ज्ञा, युज्, गम्, मन्, जन्, दृश् आदि कुछ प्रमुख धातुएँ हैं।

आइये अब आगे बढ़ते है और जानते है अस् धातु के बारे में ।

As dhatu roop in sanskrit

अस् धातु रूप जानने से पहले अस् धातु का अर्थ समझना होगा । अस् धातु- हिंदी में “होने” के लिए प्रयोग की जाती है। अस् धातु का अर्थ होता है- होना (सत्ता)। अस् भुवि। 

उदाहरण के लिए- तत्र किं भवति। वहाँ क्या हो रहा है आदि वाक्य। 

As Dhatu को अंग्रेजी में To Be (होने) के अर्थ में ही प्रयोग किया जाता है।

As dhatu roop 5 lakar (अस् धातु के पांच लकार इस प्रकार है)

अस धातु रूप लृट् लकारभविष्यत् कालAs dhatu roop lrit lakar
अस धातु रूप लङ् लकारभूतकालAs dhatu roop lang lakar
अस धातु रूप विधिलिङ् लकारचाहिए के अर्थAs dhatu roop vidhiling lakar
अस धातु रूप लोट् लकारआदेशवाचकAs dhatu roop lot lakar
अस  धातु रूप लट् लकारवर्तमान कालAs dhatu roop lat lakar

“संस्कृत में ये दस लकार होते हैं( लट् , लिट् , लुट् , लृट् , लेट् , लोट् , लङ् , लिङ् , लुङ् , लृङ् )। वास्तव में ये दस प्रत्यय हैं जो धातुओं में जोड़े जाते हैं। इन दसों प्रत्ययों के प्रारम्भ में ‘ल’ है इसलिए इन्हें ‘लकार’ कहते हैं (ठीक वैसे ही जैसे ॐकार, अकार, इकार, उकार इत्यादि)।”

1. अस् धातु रूप लट् लकार – वर्तमान काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअस्तिस्तःसन्ति
मध्यम पुरुषअसिस्थःस्थ
उत्तम पुरुषअस्मिस्वःस्मः

2. अस् धातु रूप लोट् लकार – आदेशवाचक

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअस्तुस्ताम्सन्तु
मध्यम पुरुषएधिस्तम्स्त
उत्तम पुरुषअसानिअसावअसाम

3. अस् धातु रूप लङ् लकार – भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषआसीत्आस्ताम्आसन्
मध्यम पुरुषआसीःआस्तम्आस्त
उत्तम पुरुषआसम्आस्वआस्म

4. अस् धातु रूप विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषस्यात् स्याताम्स्युः
मध्यम पुरुषस्याःस्यातम्स्यात
उत्तम पुरुषस्याम्स्यावस्याम

5. अस् धातु रूप लृट् लकार – भविष्य काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषभविष्यतिभविष्यतभविष्यन्ति
मध्यम पुरुषभविष्यसिभविष्यथःभविष्यथ
उत्तम पुरुषभविष्यामिभविष्यावःभविष्यामः

Q.1 अस धातु का अर्थ क्या है?

Ans. अस् धातु- हिंदी में “होने” के लिए प्रयोग की जाती है। अस् धातु का अर्थ होता है- होना (सत्ता)। अस् भुवि। 

दोस्तो अस् धातु की जानकारी के बारे मे यह पोस्ट आपको कैसा लगा आपको इससे बहुत कुछ नया सीखने को मिला होगा यदी आपके इस धातु के बारे मे आपके मन में और कोई सवाल है तो आप हमे comment बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है साथी ही यह पोस्ट उन लोगो तक जरूर शेयर करे जिन्हे इसके बारे मे जानकारी चाहिए

अन्य इसी प्रकार की जानकारी से जुड़े रहने के लिए आप हमारी website  को जरूर फॉलो करें ताकि दूसरी ओर पोस्ट हम आप तक पहुंचा सके।

यह भी पढ़े

Sanskrit Chitra Varnan <
Mam parichay in sanskrit <
Path Dhatu Roop <

Leave a Comment